अशफाक अल्लाह की तरह हमें भी फांसी दे दो मगर हम भारत छोड़कर नही जाएँगे-हयात ज़फर हाशमी



कानपुर । एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात ज़फर हाशमी की अगुवाई में महान क्रांतिकारी शहीद अशफाकउल्ला खान व राम प्रसाद बिस्मिल की शहादत दिवस पर देश की आजादी और वर्तमान परिस्थिति विषय पर गोष्ठी आयोजित कर उन्हें याद श्रद्धांजलि अर्पित की गयी ।
हाथों में फांसी के फंदे लिये जौहर एसोसिएशन ने caa/NRC का विरोध किया कार्यक्रम संयोजक मोहम्मद ईशान रहे। अपने विचार व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात ज़फर हाशमी ने कहा कि शहीद अशफाक उल्लाह खान व राम प्रसाद बिस्मिल की जोड़ी हिन्दु मुस्लिम एकता की मिसाल है और एक ही दिन देश के खातिर फांसी पर चढ़कर इन्होने देश में एकता और बल दिया था परन्तु वर्तमान भारत की सरकार तानाशाह रवैया अपना रही है भले हमे भी शहीद अशफाक उल्लाह खान की तरह फांसी दे दो मगर भारत छोड़कर कहीं नही जाने वाले इस देश के सविंधान की रक्षा की लड़ाई लडते हुए शहीद हो जाएंगे मगर मुल्क को छोड़कर कहीं नही जाएगे।
 मुख्य वक्ता श्री हयात ज़फर हाशमी ने कहा कि शहीद अशफाक उल्लाह खान व पं रामप्रसाद बिस्मिल के विशेष स्नेहपात्र थे। राम प्रसाद बिस्मिल की भाँति अशफाक उल्ला खाँ भी शायरी करते थे। उन्होंने काकोरी काण्ड में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। ब्रिटिश शासन ने उनके ऊपर अभियोग चलाया और आज ही के दिन 19 दिसम्बर सन् 1927 को उन्हें फैजाबाद जेल में फाँसी पर लटका दिया गया अफसोस का विषय है कि राष्ट्र प्रेम मे हंसते हुए फांसी के फंदे को चूमने वाले अशफाक उल्लाह खान को आज भुला दिया गया है ।
 भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के इतिहास में बिस्मिल और अशफाक की भूमिका निर्विवाद रूप से हिन्दू-मुस्लिम एकता का बेजोड़ उदाहरण है। मगर अफसोस है कि आज उसी भारत में नफरतों को बढावा दिया जा रहा है हिन्दु मुस्लिम एकता को कमजोर करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। जो देश के वीरों का अपमान है। 
इस अवसर पर हाफिज़ मोहम्मद फैसल जाफरी,जावेद मोहम्मद खान, मोहम्मद ईशान, शहनावाज अन्सारी, मोहम्मद शारिक खान,फैजान डीके, मदनी अन्सारी, एहसान अहमद, मोहम्मद शारिक मंत्री,जमीर खां, मोहम्मद मोहसिन, फैसल इकबाल आदि लोग मौजूद रहे ।