अजीतगंज में शांतिपूर्ण तरीके से धरने का छठवाँ दिन 

 



 कानपुर । शहर के अजीत गंज तिकुनिया पार्क में सीएए,एनआरसी के विरोध धरने को आज 6 दिन हो गए जिसमे हर वर्ग की महिलाओं की सख्या लगातार बढ़ती जा रहा है ।बपार्क के आसपास वा दूर दराज क्षेत्रों से आने वाली महिलाऐं शांतिपूर्ण धरने में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रही है।
5 साल के बच्चे से लेकर 90 साल की बुजुर्ग महिला भी इस धरने में देखें जा सकते है । धरने में महिलाएं अपने अपने तरीक़े से विरोध कर रही हैं । कोई आज़ादी के किस्से बता कर तो कोई आज़ादी के नारे लगा कर,शायरी पढ़ कर धरने में NRC वा CAA का किया विरोध किया जा रहा है । इस धरने में पढ़ने वाली छत्राएँ भी बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहीं हैं ।
धरने में एक महिला द्वारा डॉ. राहत इंदौरी का शेर हम अपनी जान के दुश्मन को जान कहते है मोहब्बत की इसी मिट्टी को हिंदुस्तान कहते है पढ़ी गई । तो एक छात्रा ने एकता का संदेश देते हुआ कहा हिन्दू, मुश्लिम, दलित,सिख,ईसाई के बीच जो लोग नफरत के बीज बो रहे है । वो कभी कामयाब नही हों गए ।
वँहा पर उपस्थित एक स्टूडेंट्स ने NRC वा CAA के विषय मे सभी कों पूरी जानकारी दी और बताया ये क्या है इससे क्या फायदा क्या नुकसान है जब असम में NRC लागू हुआ तब वँहा उसमे करीब 16 सौ करोड़ रूपये का खर्च आया जब भारत की बात करे तो खर्च का अंदाजा लगाया जा सकता है और ये कानून ऐसे समय पर बनाया जा रहा है जब भारत मंदी की बड़ी परिस्थितियों से गुजर रहा है ।