हफ़ीज़ अहमद खान
कानपुर । संविधान बचाओ आंदोलन के नेतृत्व में विभिन्न सामाजिक व राजनीतिक संगठनों लोगों ने सी0ए0ए एन0आर0सी0के विरोध में अंबेडकर प्रतिमा नाना का पार्क से गांधी प्रतिमा फूलबाग तक एक मानव श्रृंखला बनाकर ने संकल्प लिया कि यह काला कानून लागू नहीं होने देंगे! यह कानून मजदूर किसान गरीब महिला विरोधी इस कानून से संविधान के अनुच्छेद 14,15,21 का उल्लंघन है बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी भागीदारी की! कहां की असम में एनआरसी लागू होने के बाद 19 लाख लोग नागरिक लिख से बाहर हुए हैं लाख हिंदू और 6 लाख मुस्लिम है नहीं बिना किसी दस्तावेज़ के पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ित होकर आने वाले श्रणाथी मानकर से द्वारा भारत की नागरिकता प्रदान कर दी जाएगी और 6 लाख मुसलमानों को घुसपैठियों बताकर डिक्रेशन सेंटर भेज दिया जाएगा यही अमल पूरे देश में दोहराया जाएगा वह लोग जिनका नाम किसी वजह से नागरिकता लिस्ट में शामिल ना हो सकेगा मुस्लिम होंगे तो सीएए द्वारा वह भारत के नागरिक ही रहेंगे वह मुस्लिम हो तो घुसपैठियों करार पाकर बंदी ग्रहों में डाल दिए जाएंगे। सरकार दावा करती है भारत के अल्पसंख्यकों विशेषकर मुसलमानों का सीएए कोई अहित नहीं है। लेकिन ए में मुसलमानों को इसलिए शामिल नहीं किया गया ताकि नागरिक इससे किसी कारणवश बाहर होने के बाद अन्य गैर मुसलमानों की तरह मुंह से यह द्वारा नागरिकता पाने का लाभ ना ले सकें।
इस अवसर पर मास्टर मोहम्मद सुलेमान, अबुल बरकात नज़मी, मोहम्मद शाकिर अली उस्मानी, प्रदीप यादव कुलदीप सक्सेना द पांडे सोनेलाल पटेल रामगोपाल उत्तम मोहम्मद मुर्तजा मोहम्मद शारिक हाशमी मोहम्मद नासिर पीस पार्टी कानपुर नगर अध्यक्ष हाजी मोइनुद्दीन उर्फ मेनू आदि लोग मौजूद रहे।